Kya Hota Hai Maarak Aur Maarkesh? मारक और मारकेश (द्वितीय-सप्तम और तृतीय-अष्टम) By Astrologer Dr. S. N. Jha
Kya Hota Hai Maarak Aur Maarkesh? मारक और मारकेश (द्वितीय-सप्तम और तृतीय-अष्टम) किसी भी जातक के कुंडली में द्वितीयेश, तृतीयेश, सप्तमेश या अष्टमेश की दशा को आप मारकेश नही बोल सकते है | मारकेश तभी बोलेगे जब वह लग्नेश का शत्रु हो | वैसे कष्ट का समय जरुर माना जाता है | लग्न ( शरीर ) ग्रह का जो शत्रु ग्रह हो वो ग्रह द्वितीयेश, तृतीयेश, सप्तमेश या अष्टमेश हो चाहे या अन्य भावेश हो उसका दशा अन्तर दशा को मारकेश (मृत्यु काल) कहते है चाहे द्वितीयेश, तृतीयेश, सप्तमेश या अष्टमेश ही हो या अन्य भावेश हो | परन्तु आज-कल पण्डित गण द्वितीयेश, तृतीयेश, सप्तमेश या अष्टमेश दशा अन्तर दशा को ही केवल मारकेश मानते है चाहे लग्नेश का शत्रु हो या न हो | अगर इन द्वितीयेश, तृतीयेश, सप्तमेश या अष्टमेश भावों का जिन से शत्रुता होती है जातक को उस भाव से सम्बंधित कष्ट प्राप्त होता है | यथा -एकादश भाव से शत्रुता इन भावों का हो तो आर्थिक नुकसान होगा, या दशम भाव से होने से नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता | जन्म कुंडली में मारकेश शब्द मृत्यु तुल्य कष्ट शरीर से केवल होता है | परन्तु मानसिक, आर्थिक, भ...