ज्योतिष का रहस्य: ग्रह, आत्मा और भाग्य का वैज्ञानिक विश्लेषण भारतीय ज्योतिष का रहस्य मनुष्य के समस्त कार्य ज्योतिष के द्वारा ही चलती है | व्यवहार के लिए अत्यंत उपयोगी दिन, सप्ताह, मास, अयं, ऋतू, वर्ष और उत्सव तिथि आदि का परिज्ञान इसी शास्त्र से होता है | भारतीय ज्योतिष शास्त्र के आचार्यों और गुरुओं के व्यावहारिक एवं पारमार्थिक दोनों ही लक्ष्य रहे है | प्रथम दृष्टि से इस शास्त्र का लक्ष्य रहस्य गणना करना तथा दिक् देश एवं काल का मानव समाज को परिज्ञान करना कहा जा सकता है | प्राकृतिक पदार्थों के अणु -अणु का परिशीलन एवं विश्लेषण करना भी इस शास्त्र का लक्ष्य है | सांसारिक समस्त व्यापार दिक्, देश, और काल इन तीनों के सम्बन्ध से ही परिचालित है, इन तीन के ज्ञान के बिना व्यावहारिक जीवन की कोई भी क्रिया सम्यक प्रकार से संपादित नहीं की जा सकती | अतएव सुचारू रुप से दैनन्दिन कार्यों का संचाल करना ज्योतिष का व्यावहारिक उदेश्य है | इस शास्त्र में काल-समय को पुरुष-ब्रह्म माना है और ग्रहों की रश्मियों के स्थिति वश इस पुरुष के उत्तम, मध्यम और अधम विभाग किये है | त्रिगुणात्मक प्रकृति द्वारा निर्मित ...
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