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पुरुषार्थ / भाग्य - ज्योतिश्चक्रे तु लोकस्य सर्वस्योक्तं शुभाशुभम् I ज्योतिर्ज्ञानं तु यो वेद स याति परमां गतिम् II

पुरुषार्थ / भाग्य   ज्योतिश्चक्रे तु लोकस्य सर्वस्योक्तं शुभाशुभम् I  ज्योतिर्ज्ञानं  तु  यो  वेद स याति परमां गतिम् II ज्योतिष चक्र सम्पूर्ण जगत में शुभाशुभ को व्यक्त करने वाला है अतः जो ज्योतिषशास्त्र का ज्ञाता एक दो ही होते है वह परम कल्याण को प्राप्त होता है I ज्योतिष शास्त्र में प्रधान ग्रह सूर्य और चन्द्र है I सूर्य को पुरुष और चन्द्रमा को स्त्री अर्थात् पुरुष और प्रकृति के रुप में इन ग्रहों को माना है I पाँच तत्त्व रुप भौम , बुध , गुरु , शुक्र और शनि है I इन प्रकृति , पुरुष और तत्त्वों के सम्बन्ध से ही सारा ज्योतिषश्चक्र भ्रमण करता है I    शुभक्षण क्रियारम्भजनिताः पूर्व सम्भवाः I     सम्पदः सर्वलोकानां ज्योतिस्तत्र प्रयोजनम् II  पूर्व जन्म में उपार्जित पुरुषार्थ का नाम भाग्य है I पूर्व जन्मार्जित पुरुषार्थ और तात्कालिक पुरुषार्थ मिलकर महान फल को प्रदान करता है I  पुरुषरथर्यते पुरुषार्थः यथा :- पूर्वजन्मजनितं पुराविदः कर्म दैवमिति सम्प्रचक्षते I    उद्यमेन तदुपार्जित सदा वांछितं फलति नैव केवलम् II...

श्री हनुमान चालीसा संस्कृतानुवादः - Hanuman Chalisa Sanskrit Transation

  श्री हनुमान चालीसा संस्कृतानुवादः - Hanuman Chalisa Sanskrit Transation अथ श्री हनुमान   श्री हनुमान चालीसा संस्कृतानुवादः   श्री गुरु चरण सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि I  बरनऊं रघुवर बिमल जसु जो दायकु फल चारि II१  II हृद्दर्पणं नीरजपादयोश्च गुरोः पवित्रं रजसेति कृत्वा I फलप्रदायी यदयं च सर्वम् रामस्य पूतञ्च यशो वदामि II  बुद्धिहीन तनु जानिकै सुमिरौं पवन-कुमार I  बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु क्लेश विकार II२II स्मरामि तुभ्यम् पवनस्य पुत्रम् बलेन रिक्तो मतिहीनदासः I दूरीकरोतु सकलं च दुःखम् विद्यां बलं बुद्धिमपि प्रयच्छ II जय हनुमान ज्ञान गुणसागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर I जयतु हनुमद्देवो ज्ञानाब्धिश्च गुणागरः जयतु वानरेशश्च त्रिषु लोकेषु कीर्तिमान् I राम दूत अतुलित बल धामाअन्जनि पुत्र पवनसुत नामा II३II दूतः कोशलराजस्य शक्तिमांश्च न तत्समः I अञ्जना जननी यस्य देवो वायुः पिता स्वयम् II  महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी I हे वज्राङ्ग महावीर त्वमेव च सुविक्रमः कुत्सितबुद्धिशत्रुस्त्वम् सुबुद्धेः प्रतिपालकः I कंचन बरन बिराज सुब...