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Janiye Shashtron Aur Nervous System Ka Sambandh - अथ सर्वस्व नाड़ी ज्ञान (नसों) | Nervous System | तंत्रिका प्रणाली

Janiye Shashtron Aur Nervous System Ka Sambandh अथ सर्वस्व नाड़ी ज्ञान (नसों) -  Nervous System   ईश्वरीय शक्ति से सब कुछ प्राप्त कर सकते है जिसको कास्मेटिक शक्ति कहते है :--- मस्तिष्क के भीतर कपाल के नीचे एक छिद्र है , उसे ब्रह्मरंध्र कहते हैं , वहीं से सुषुन्मा रीढ़ से होती हुई मूलाधार तक गई है। सुषुन्मा नाड़ी जुड़ी है सहस्रकार से। इड़ा नाड़ी शरीर के बायीं तरफ स्थित है तथा पिंगला नाड़ी दायीं तरफ अर्थात इड़ा नाड़ी में चंद्र स्वर और पिंगला नाड़ी में सूर्य स्वर स्थित रहता है।  सुषुम्ना मध्य में स्थित है , अतः जब हमारे दोनों स्वर चलते हैं तो माना जाता है कि सुषम्ना नाड़ी सक्रिय है। इस सक्रियता से ही सिक्स्थ सेंस जाग्रत होता है। इड़ा , पिंगला और सुषुन्मा के अलावा पूरे शरीर में हजारों नाड़ियाँ होती हैं। उक्त सभी नाड़ियों का शुद्धि और सशक्तिकरण सिर्फ प्राणा याम और आसनों से ही होता है। शुद्धि और सशक्तिकरण के बाद ही उक्त नाड़ियों की शक्ति को जाग्रत किया जा सकता है I छठी इंद्री को अंग्रेजी में सिक्स्थ सेंस कहते हैं।  सिक्स्थ सेंस को जाग्रत करने के लिए योग में अनेक उपाय बताए...