सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

दिसंबर, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Janiye Jyotish Ke Baare Mein Ye Vishesh Gyaan - ज्योतिष का विशेष ज्ञान By Astrologer Dr. S. N. Jha

Janiye Jyotish Ke Baare Mein Ye Vishesh Gyaan ज्योतिष का विशेष ज्ञान By Astrologer Dr. S. N. Jha यह शरीर इन्द्रिय , सत्व (मन) एवं आत्मा का एक संयोग है। इन तीनो जटिल कारको के स्थूल रूप को ही शरीर कहते है। तथा इनके अदृष्य या सूक्ष्म रूप को आयु कहते है। आयु या दूसरे शब्दों में जीवन के इस शास्त्र को आयुर्वेद या “आयुषो वेदः” कहा गया है। तो जब आयु की कोई सीमा नहीं तो फिर इस शास्त्र की सीमा कैसी ?   “न ह्यस्ति सुतरामायुर्वेदस्य पारम। तस्मादप्रमत्तः अभियोगे अस्मिन गच्छेत अमित्रस्यापी वचः यशस्यं आयुष्ये श्रोतव्यमनुविधाताव्यम च।”       जिन प्राकृतक दृष्यादृष्य कारको तथा पूर्वापर कृत्यों एवं प्रभावों के कारण इस शरीर को आयु के साथ संचलन , विचलन या विराम (मृत्यु) प्राप्त होती है , उसको जिस प्रकाश या ज्योति में दृष्य या जानने पहचानने योग्य ग्रहण किया जा सकता है , उस शास्त्र को ज्योति शास्त्र या “ ज्योतिष ” कहते है।    जन्मकुण्डली व्यक्ति के जन्म के समय ब्रह्माण्ड में स्थित ग्रह नक्षत्रों का मानचित्र होती है , जिसका अध्ययन कर जन्म के समय ही यह बताया जा सकता...

Kya Aap Jaante Hain Aapki Kundli Mai Konsa Dosh Hai...जानिये कुंडली के योग दोषों के बारे में By Astrologer Dr. S. N. Jha

आप की कुंडली में कोन-सा योग-दोष है?   भास्कराद्याः खगाः पूर्वं ये मया नव वर्णिताः I प्रभावितं जगदिदं समस्तमपि तैः सदा II तदधीनं   प्राणिनां   तु   सुखदुःखमतो जनः I तच्छान्तिधनवृष्टय्यायुः-कमस्तद्यज्ञमाचरेत्   II  पराशरमुनि ने कहा :-            जो मैंने सूर्यादिक नवग्रह के बारे कहा उन्हीं ग्रहों से सारा संसार प्रभावित है और उन्हीं के अधीन प्राणियों का सुख-दुःख निहित है I अतः मनुष्य को ग्रह शान्ति, धन तथा वृष्टि तथा आयुः कामना से ग्रहों का यज्ञ करना चाहिये I सृष्टिकर्त्ता परमेश्वर ने सर्वप्रथम आकाशस्थ ग्रहों को निर्माण किया तत्पश्चात् यह सृष्टि निर्माण की I  आकाशस्थ ग्रहों का परिणाम पृथ्वी के प्रत्येक प्राणी पर पड़ता है यह निर्विवाद है परन्तु अन्य प्राणियों की अपेक्षा मनुष्य प्राणी सर्वश्रेष्ठ होने के कारण उसने यह जानने का अथक प्रयत्न किया कि जगत् के कल्याण के लिए ज्योतिष शास्त्र द्वारा यह सिद्ध कर दिखाया जाय कि ये ग्रह अपना गुण-धर्म, रुप-रंग, स्वभाव आदि शिशु-पिण्ड पर गर्भावस्था से ही दिखाते है तब जन्म होने से मरण ...