Hanuman Chalisa Sanskrit Transation - श्री हनुमान चालीसा संस्कृतानुवादः अथ श्रीहनुमानचालीसासंस्कृतानुवादः श्री हनुमान चालीसा संस्कृतानुवादः श्री गुरु चरण सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि I बरनऊं रघुवर बिमल जसु जो दायकु फल चारि II१ II हृद्दर्पणं नीरजपादयोश्च गुरोः पवित्रं रजसेति कृत्वा I फलप्रदायी यदयं च सर्वम् रामस्य पूतञ्च यशो वदामि II बुद्धिहीन तनु जानिकै सुमिरौं पवन-कुमार I बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु क्लेश विकार II२II स्मरामि तुभ्यम् पवनस्य पुत्रम् बलेन रिक्तो मतिहीनदासः I दूरीकरोतु सकलं च दुःखम् विद्यां बलं बुद्धिमपि प्रयच्छ II जय हनुमान ज्ञान गुणसागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर I जयतु हनुमद्देवो ज्ञानाब्धिश्च गुणागरः जयतु वानरेशश्च त्रिषु लोकेषु कीर्तिमान् I राम दूत अतुलित बल धामाअन्जनि पुत्र पवनसुत नामा II३II दूतः कोशलराजस्य शक्तिमांश्च न तत्समः I अञ्जना जननी यस्य देवो वायुः पिता स्वयम् II महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी I हे वज्राङ्ग महावीर त्वमेव च सुविक्रमः कुत्सितबुद्धिशत्रुस्त्वम् सुबुद्धेः प्रतिपालकः I कंचन बरन बि...
मैं सुनील नाथ झा, एक ज्योतिषी, अंकशास्त्री, हस्तरेखा विशेषज्ञ, वास्तुकार और व्याख्याता हूं। मैं 1998 से ज्योतिष, अंक ज्योतिष, हस्तरेखा विज्ञान, वास्तुकला की शिक्षा और अभ्यास कर रहा हूं | मैंने राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान तथा लखनऊ विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य | मैंने वास्तुकला और ज्योतिष नाम से संबंधित दो पुस्तकें लिखी हैं -जिनके नाम "वास्तुरहस्यम्" और " ज्योतिषतत्त्वविमर्श" हैं | मैंने दो पुस्तकों का संपादन किया है - "संस्कृत व्याकर-सारः" और "ललितासहस्रनाम" |