Kya Aapki Kundli Me Hai Dhan-Lakshami Yog जानिये की क्या आपकी कुंडली में धन लक्ष्मी का योग है ? ज्योतिष में योग शब्द से अभिप्राय ग्रहों के संबन्ध से है , यह सम्बन्ध ग्रहों की युत्ति , दृ्ष्टि संबन्ध् , परिवर्तन तथा अन्य कई कारणों से बन सकता है I जिस प्रकार धर्म में बुद्धि और शरीर का योग , आयुर्वेद में दो या दो से अधिक औषधियों का योग मंगलकारी होता है I ठीक उसी प्रकार ग्रहों का दो जब बुध , गुरु , शुक्र लग्न या चन्द्रमा से षष्ठ , सप्तम और अष्टम भाव में एक साथ या अलग-अलग हो तो अधियोग बनता है अधियोग व्यक्ति को धनवान बनाता है यह शुभ योग है I देवी लक्ष्मी को धन की देवी के रुप में जाना जाता है। धन हमारे जीवन में रख रखाव और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। यह सिर्फ पैसे होने से कईं ज़्यादा है। इसका अर्थ है ज्ञान , कौशल और प्रतिभा में प्रचुरता। लक्ष्मी वह ऊर्जा है जो व्यक्ति के पूर्ण आध्यात्मिक और भौतिक कल्याण के रुप में प्रकट होती है। अपने १६ रुपों में धन प्रदान करती है , यथा लक्ष्मी से:- ज्ञान , बुद्धि , बल , शौर्य , सौंदर्य , विजय , प्रसिद्धि , महत्वाकांक्षा...
मैं सुनील नाथ झा, एक ज्योतिषी, अंकशास्त्री, हस्तरेखा विशेषज्ञ, वास्तुकार और व्याख्याता हूं। मैं 1998 से ज्योतिष, अंक ज्योतिष, हस्तरेखा विज्ञान, वास्तुकला की शिक्षा और अभ्यास कर रहा हूं | मैंने राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान तथा लखनऊ विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य | मैंने वास्तुकला और ज्योतिष नाम से संबंधित दो पुस्तकें लिखी हैं -जिनके नाम "वास्तुरहस्यम्" और " ज्योतिषतत्त्वविमर्श" हैं | मैंने दो पुस्तकों का संपादन किया है - "संस्कृत व्याकर-सारः" और "ललितासहस्रनाम" |