Kya Hota Hai Yagyopaveet Sanskar Ya Janeu Sanskar? - उपनयन - यज्ञोपवीत तथा दीक्षा संस्कार (गुरुशुद्धिः)
Kya Hota Hai Yagyopaveet Sanskar Ya Janeu Sanskar (Upnayan)? उपनयन - यज्ञोपवीत तथा दीक्षा संस्कार (गुरुशुद्धिः) ब्रह्मवर्चसकामस्य कार्यं विप्रस्य पञ्चमे I राशौ बलार्थिनः षष्ठे वैश्यस्येहार्थिनोष्टमे II आषोडशाद् ब्राह्मणस्य सावित्री नातिवर्तते I आद्वाविंशात्क्षत्रबन्धोराचतुर्विंशतेर्विंशः II इत उर्ध्र्वं त्रयोप्येते यथाकालमसंस्कृताः I सावित्रोपतिता व्रात्या भवन्त्यार्यविगर्हिताः II यदि ब्राह्मण का ब्रह्मवर्चसी बालक बनाने की इच्छा हो तो गर्भ से पञ्च वर्ष में, बलार्थी क्षत्रिय का षष्ठ वर्ष में तथा धनार्थी वैश्य का अष्टम वर्ष में भी उपनयन संस्कार हो सकता है I संयोग वश व्रतबंध मे उक्त काल का अतिक्रमण हो जाय तो ब्राह्मणों के लिए षोडशः १६ वर्ष, क्षत्रियों के लिए द्वाद्विंश २२ वर्ष तथा वैश्यों के लिए चतुर्विंश २४ वर्ष पर्यन्तं गौण (निकृष्ट ) काल कहा है I यदि यह काल भी व्यतीत हो जाय तो वे उपवीत ...