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Shani Aur Saadhesati Ke Baare Me Jaane - शनि की साढ़े साती और ढैय्या पर एक दृष्टि By Astrologer Dr. S.N. Jha

Shani Aur Sadhesati Ke Baare Me Jaane  शनि की साढ़े साती और ढैय्या पर एक दृष्टि By Astrologer Dr. S.N. Jha नीलद्युतिः शूलधरः किरीटी गृध्रस्थितस्त्राणकरो धनुष्मान् I चतुर्भुजः सुर्यसुतः प्रशांतो वरप्रदो मेऽस्तु स मन्दगामी II    शनि भगवान् नील आभा वाले, शूल और मुकुट धारण करनेवाले,गृध्र पर विराजमान,जगत को रक्षा करनेवाले, धनुष को धारण करनेवाले,चार भुजा वाले, शान्तस्वभाव एवं मन्द गतिवाले है , ये सूर्य पुत्र शनि मेरे लिए वर दे I         भगवान् :”सूर्य और चन्द्र” पर ग्रहण “राहु” लगाता है तो मनुष्य के जीवन में ग्रहण “शनि” लगाते है जो जीवन काल में कई बार लगाते है बड़े काल को साढेसाती और छोटे काल को ढैया कहते है I अगर शनि ग्रह शुभ है तो आशा से ज्यादा लाभ मिलेगा, परन्तु अगर शनि अशुभ है तथा आप से कोई जीवन में   बड़ा गलती हो गई तो फिर आपकों पुर्णतः चक्रव्यूह में फसा करके अन्तिम काल तक नाना प्रकार के कष्ट देते रहेग, जब तक कष्ट पूरा नही हो जाता तब तक मृत्यु नही होने देते है I आपकों देवी-देवतओं द्वारा दिया हुआ कष्ट है तो पूजा-पाठ से कम कर सकते ...